Sunday, December 6, 2009

अकेलेपन की आज़ादी


वोह अकेलेपन की आज़ादी जो तुम्हे बेहद प्यारी है
तुम खुश रहो उस तन्हाई में जो तुम्हारी सच्ची साथी है

न रहे हम तुम्हारी ज़िंदगी में तो कोई ग़म नहीं होगा
यह अकेलापन हमेशा तुम्हारा साथ देगा, हमारा साथ कम नहीं होगा.....

यही तकदीर है हमारी यह मान लेंगे हम
मगर कोशिश न करें अभी यह मुझसे मेरे हम क़दम नहीं होगा

जब दिल चाहे तुम्हारा तो आजाना उसके पास
जो तुम्हारा है.. नहीं है ! तुम्हारा होगा... नहीं होगा?

यह तै करना है तुम्हे कि किस तरहां जीना है
रहना है तन्हाई के बंधन में या तनहा बंधन में रहना है ...

जो हो तुम्हारी इजाज़त तो साथ रह लेंगे कुछ वक्त
जब जाना होगा तुम्हे तो दोस्त कोई क़ैद नहीं होगा

कोशिश करेंगे ज़रूर तुम्हे रोकने कि एक बार
क्यूंकि जाने देने में तुम्हे हमारा दिल नहीं होगा ...

यह जानते हैं हम तुम्हे रोकना मुमकिन नहीं होगा
मगर इस में खुशी है तुम्हारी इस्सलिये ग़म नहीं होगा....

समझोता करने कि तुम्हे कोई ज़रूरत नहीं है
अगर समझोता ही करना पड़े तो वोह प्यार नहीं होगा

जिस पर करदो तुम अपनी आज़ादी भी कुर्बान
वोह आज़ाद पंछी भी तुम्हारी ही तरहां होगा

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