skip to main |
skip to sidebar
सपने और हकीकत
हकीक़त वोही है जो हम खुद बनाते हैं सपने वोह हैं जो हम देख कर भूल जाते हैं न कर सपनो का पीछा उन्हें तो एक दिन छूट जाना है, बना हकीक़त को अपना हमदम वोही तेरा ठिकाना है. न कर जिद एए मेरे दोस्त, मेरे हम साए तू न हो सकेगा मेरा यह तो बस एक अफसाना है
No comments:
Post a Comment