Thursday, May 19, 2011

Dard



"Qaid e hayat se Nijaat mil gayi mujh ko....
Mai ja rahi hun Asal hayat mill gayi mujhko"




"Tute hain isqadar k ab koi samet na payega
...
gire hain jahan jahan ashq wahan samandar tu payega"

Wednesday, December 9, 2009

LOVE AND LIFE

Love and Life both starts with "L" and ends at "E', sometimes look like two names of the same phenomenon........

Tuesday, December 8, 2009

भावनाओं का अस्तित्व


बेबस बेदम लाचार होती हैं वोह भावनाएं
जिन्हें अभिवियक्ति का आलिंगन नहीं मिलता

घुट घुट कर दम तोड़ देते हैं वोह शब्द
जिनको दिल से जुबान तक का रास्ता नहीं मिलता

ऐसी बेबस बेदम लाचार भावनाओं के उत्पन्न होने का अर्थ ही क्या है?
जो हिर्दय मै हिलोरें मारती रहें फिर भी अपने अस्तित्व का एहसास दिला सकें

निशब्द


शब्दों से परे, ज़िंदगी मै तुम्हारी, निशब्द मै एक सत्य हूँ
संगिनी हूँ संघर्ष मै तुम्हारे , चाहो जब पुकार लेना मुझे मै यहीं कहीं आस पास हूँ...

सफर बिन हमसफर


हमसफर के बिना सफर भी क्या मज़ा देगा
महसूस करो फिज़ाओं को दिल ख़ुद हमसफर का पता देगा

Sunday, December 6, 2009

अकेलेपन की आज़ादी


वोह अकेलेपन की आज़ादी जो तुम्हे बेहद प्यारी है
तुम खुश रहो उस तन्हाई में जो तुम्हारी सच्ची साथी है

न रहे हम तुम्हारी ज़िंदगी में तो कोई ग़म नहीं होगा
यह अकेलापन हमेशा तुम्हारा साथ देगा, हमारा साथ कम नहीं होगा.....

यही तकदीर है हमारी यह मान लेंगे हम
मगर कोशिश न करें अभी यह मुझसे मेरे हम क़दम नहीं होगा

जब दिल चाहे तुम्हारा तो आजाना उसके पास
जो तुम्हारा है.. नहीं है ! तुम्हारा होगा... नहीं होगा?

यह तै करना है तुम्हे कि किस तरहां जीना है
रहना है तन्हाई के बंधन में या तनहा बंधन में रहना है ...

जो हो तुम्हारी इजाज़त तो साथ रह लेंगे कुछ वक्त
जब जाना होगा तुम्हे तो दोस्त कोई क़ैद नहीं होगा

कोशिश करेंगे ज़रूर तुम्हे रोकने कि एक बार
क्यूंकि जाने देने में तुम्हे हमारा दिल नहीं होगा ...

यह जानते हैं हम तुम्हे रोकना मुमकिन नहीं होगा
मगर इस में खुशी है तुम्हारी इस्सलिये ग़म नहीं होगा....

समझोता करने कि तुम्हे कोई ज़रूरत नहीं है
अगर समझोता ही करना पड़े तो वोह प्यार नहीं होगा

जिस पर करदो तुम अपनी आज़ादी भी कुर्बान
वोह आज़ाद पंछी भी तुम्हारी ही तरहां होगा

Saturday, December 5, 2009

सपने और हकीकत


हकीक़त वोही है जो हम खुद बनाते हैं
सपने वोह हैं जो हम देख कर भूल जाते हैं

कर सपनो का पीछा उन्हें तो एक दिन छूट जाना है,
बना हकीक़त को अपना हमदम वोही तेरा ठिकाना है.

न कर जिद एए मेरे दोस्त, मेरे हम साए
तू न हो सकेगा मेरा यह तो बस एक अफसाना है